Category Archives: Kavita Vachaknavee

विद्या विवादाय धनं मदाय, शक्ति परेषां परिपीडनाय (खलस्य)

विद्या विवादाय धनं मदाय, शक्ति परेषां परिपीडनाय (खलस्य) कल रवि जी ने  श्री  देवाशीष   तथा  श्री रमण कौल  के एकल प्रयासों से बनी चिट्ठा निर्देशिका  का उल्लेख यहाँ किया तो कई चिट्ठाकारों ने अपना उल्लेख उसमें न होने की बात … पढना जारी रखे

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प्रेम न हाट बिकाय

Technorati Tags: Kavita Vachaknavee आज की चर्चा करने के लिए जी भर कोशिश करनी पड़ीं है| यात्रा पर निकलने से पूर्व चर्चा की मनःस्थिति बना पाना बड़ा ही दुष्कर होता है| पर आप तो जानते हैं कि कुछ चीजें दायित्वबोध … पढना जारी रखे

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और मेरे हृदय की धक्-धक् पूछती है– वह कौन

 -^- कल १४ नवम्बर था-  “बाल दिवस” या कहें कि जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिवस ;  जिनके विषय में बाबा नागार्जुन ने लिखा था – आओ रानी, हम ढोयेंगे पालकी,यही हुई है राय जवाहरलाल कीरफ़ू करेंगे फटे-पुराने जाल कीयही … पढना जारी रखे

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गर्व का हजारवाँ चरण : प्रत्येक ज्ञात- अज्ञात को बधाई

आज का दिन बहुत विशेष है और इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इस दिन की चर्चा का दायित्व अनायास ही मुझे करने का सुयोग मिला है | जिन कारणों से आज का दिन ऐतिहासिक है, उनमें से कुछेक का … पढना जारी रखे

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हमारी ललनाओं की छाती पर अपनी कुत्सित नंगी जांघें दिखाने की दु:शासनी वासना को धिक्कार

अभी कुछ घंटे पूर्व की बात है कि रविवारीय हल्ले-गुल्ले और मेलजोल  के बीच विदा होने से पूर्व मेरे एक ब्रिटिश मित्र ने यकायक कहा  कि – ” सुना है भारत में कोई अग्नि दुर्घटना हो गयी है, इतनी बड़ी … पढना जारी रखे

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टिप्पणियों के रूप में कड़ी भर्त्सना और आरोप झेलने को मिलने वाले हैं आज

गत सप्ताह की हमारी चर्चा को आप सभी स्नेही मित्रों का जो दुलार मिला, उसके लिए कृतज्ञ हूँ | डा० अमर कुमार  जी ने कहा – आपको पुनः अपने मध्य देखना ही सुखद है,बतायेंगी नहीं, इस बीच क्या क्या पढ़ड्डाला … पढना जारी रखे

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लाख करे पतझड़ कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है

लाख करे पतझड़ कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है  अरसे  बाद  पुनः  प्रस्तुत  हूँ | इस बीच लिखना छूटा रहा, पढ़ना नहीं छूटा, न छूटता है और प्रार्थना करें कि कभी छूटे भी नहीं. इस  बीच ब्लॉगजगत में कई … पढना जारी रखे

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धूल की मोटी परतें हैं पर उन परतों पर नहीं हैं कहीं अब उन नंगे पैरों के निशान……

आप में से जो लोग कविता पढ़ने (लिखने–भर नहीं) में रूचि रखते हैं उन्होंने गहरी संवेदनात्मक से लेकर विचार–प्रखर तक और आग लगा देने वाली से लेकर नथुने फड़काने वाली तक कई प्रकार की कविताएँ सुनी – पढ़ी होंगी। वैसे … पढना जारी रखे

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डायरी की अंतर्मुखता बनाम ब्लॉग का बहिर्मुख स्वभाव

A group of activists surround a number 60 shaped with candles during the world “Earth Hour” event, in Santiago, on March 28, 2009. From Sydney Harbour to the Empire State Building, cities and world landmarks plunged into darkness as a … पढना जारी रखे

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बलिदान :बलिदानी : भारतमाता की जय

<a href="http://farm1.static.flickr.com/21/38725721_1f8889c918_m.jpg&quot; title="द ट्रिब्यून”><img src="http://1.bp.blogspot.com/_fhLmSp9a_jY/ScZOXK9kMVI/AAAAAAAACrg/cRDEq0629iM/s400/Tribune_front_page_Bhagat_Singh.jpg&quot; alt="द ट्रिब्यून “> २५ मार्च १९३१ को लाहौर से प्रकाशित `द ट्रिब्यून’ का मुखपृष्ठ सर्वश्री क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को २४ मार्च 1931 को दी जाने वाली फाँसी को एक दिन पहले कर … पढना जारी रखे

bhagat singh, INDIA, Kavita Vachaknavee में प्रकाशित किया गया | 18 टिप्पणियां