Category Archives: neelima

सानिया मिर्ज़ा किसकी मिल्कियत है ?

सानिया मिर्ज़ा एक भारतीय महिला टेनिस खिलाडी का नाम है जिसने अपनी मर्ज़ी और पसंद से पाकिस्तान के एक लडके से शादी करना चाहा है !   मुस्लिम समाज और मुल्लों ही नहीं अन्य सभी तंग मानसिकता वाले समुदायों के लिए … पढना जारी रखे

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वोट से बनो कि बिन वोट पप्‍पू तो तुम्‍हें ही बनना है

हमारा मानना रहा है कि भारतीय राजनीति और कला का बहुत गहरा नाता है ! जब जब राजनीति में सरगर्मियां और हलचल बढती है कला की सभी विधाओं में रचनात्मक उर्जा बढी हुई दिखाई देने लगती है ! खासकर ब्लॉग … पढना जारी रखे

नीलिमा, chitha charcha, chithacharcha, chithha charcha, chitthacharcha, neelima में प्रकाशित किया गया | 10 टिप्पणियां

जब मोदी की चरितावली ने हमें मुदित किया

नरेन्द्र मोदी पर लिखी दो पोस्टें जब ब्लॉगवाणी की हिट – लिस्ट में सबसे ऊपर चढी देखीं ! देखकर लगा कि अपने छात्रों को ब्याजनिंदा और ब्याजस्तुति अलंकार पढाने के लिए ये उदाहरण हार्डकॉपी पर ले जाऎंगे ! नरेन्द्र मोदी … पढना जारी रखे

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एक नई अंतर्लिंकित चिट्ठाचर्चा

हिंदी चिट्ठों की बढ्ती संख्या से हिंदी के देसी पंडित का सवाल पिछले दिनों उठाया गया ! सच है कि चिट्ठाकारी बढेगी तो इसके पाठक के लिए अपनी पसंद के चिट्ठे तक पहुंच पाना मुश्किल होता जाएगा ! चिट्ठाचर्चा जैसे … पढना जारी रखे

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जहां गद्य ललित है कोमल है

प्रत्‍यक्षा जी की ने अपने चिरपरिचित काव्यमय गद्य शैली में रात पाली में काम करने वाले मेहनत कशों की जिंदगी को उकेरा है! यहां श्रम से संवेदना के बोझिल होते मन की कथा बखूबी कही गई है श्रम जो है … पढना जारी रखे

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कविता की रसधार में

बांझ कौन है ? कविता मान्या जी के भीतरी आक्रोश को उजागर करती कविता है ! इसमें कविता का महीनपन न होकर सवालों की स्थूलता ज्यादा है! यहां कविता का संवेदना संप्रेषण कविता की शैली पर हावी होता दिखाई दे … पढना जारी रखे

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चिट्ठाचर्चा इस्‍टेशन पर इतवारी खोमचा

भई जे तो बहुत नाएंसाफी है हमारे साथ ! आप तो मनावें छुट्टी और हम बैठे करें चिट्ठाचरचा ! बाल बच्चे पति को ब्रेड खिलाकर हम सुबह सबेरे जुट जाऎं चिट्ठों का सनीचरी लिफाफा खोलके , लिखें और दें लिंक … पढना जारी रखे

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एक डुबकी दार्शनिक व्यंग्यवाद की निर्मल स्रोतस्विनी में

आज मन जरा दार्शनिक हो चला है ! दूरदर्शन के जमाने भी एक बार यह तकलीफ हम झेल चुके हैं , सो बेखटके कह सकते हैं की जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई ! दर्शन भी … पढना जारी रखे

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महिला चिट्ठाचर्चाकार की शुरुआती पारी

लीजिए इस महिला चिट्ठाचर्चाकार की मेडन पोस्‍ट हाजिर है। आज आप सबों की चर्चा करने का सौभाग्‍य मुझे प्राप्‍त होने का समाचार मेरी रसोई के बेलन चकले, कड़ाही, साग सब्जियों, बच्‍चों, कामवाली बाई, कॉलेज की पुस्‍तकों और पतिश्री को मिला … पढना जारी रखे

चिट्ठाचर्चा, नीलिमा, रविवार, neelima में प्रकाशित किया गया | 13 टिप्पणियां