Monthly Archives: मार्च 2005

जिंदगी फिर जिंदगी होने लगी

आपको पढ़कर खुशी होने लगी, जिंदगी फिर जिंदगी होने लगी. यह कहना है महावीर शर्मा की गजल को पढ़कर उनके प्रशंसक गुलदेहलवीजी का जो उनकी गजल के इस शेर पर खासतौर पर फिदा हुये:- मन्ज़र जुदाईयों का देखा गया ना … पढना जारी रखे

Uncategorized में प्रकाशित किया गया | टिप्पणी करे