Monthly Archives: अगस्त 2008

बेट्टा, ब्लागिंग छोड़ो ,मौज से रहो

आज इतवार है। चर्चा करने में टाल-मटोल कर रहा है मुआ मन। ई-स्वामी ने लगता है मेरी मन:स्थिति भांप कर ही ये लेख लिखा है। स्वामीजी बताते हैं कि भारतीय लोग आमतौर पर कामटालू होते हैं: अधिकतर भारतीय न्यूनाधिक रूप … पढना जारी रखे

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आड़ हमारी ले कर लडते किसकी आजादी को

आजकल आइपाडी (iPody) संस्कृति खूब फलफूल रही है, उनके लिये जिनकी समझ ना आये मैं बता दूँ कि इस संस्कृति से infected लोग कान में सफेद रंग का तार घुसाये सारे काम करते हैं। यहाँ अमेरिका में इसका अच्छा खासा … पढना जारी रखे

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माता पार्वती ने ख़ुद ही जलाई कुटिया शंकरजी फ़ायर ब्रिगेड को फ़ोन मिला रहे हैं

कल बड़ा लफ़ड़ा होते-होते बचा। हुआ ये अनिल रघुराज कुछ बुराई भलाई कर रहे थे सेकुलरिज्म की। कहने लगे: कहा जाता है कि ठहरे हुए को चलाने के लिए तो हर कोई उंगली करता है, लेकिन जो चलते हुए को … पढना जारी रखे

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पाडभारती और ब्लागवाणी को वोट दें

पाडभारती और ब्लागवाणी को वोट दें हां तो जी हम कह रहे थे कि चर्चा आज शाम को करेंगें लेकिन पहले काम की बात।देबाशीष और शशिसिंह के जिद्दी प्रयासों के चलतें पाडभारती की शुरुआत पिछले साल हुई। शुरुआती अंक में … पढना जारी रखे

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चिट्ठाचर्चा आज शाम

नेट ने नखरा खुब किया, खुल के दिया न आज,फ़िर बत्ती भी गुल भयी, हुई कोढ़ में खाज! आगे की कहानी आप शाम को सुनियेगा। अपना बहुत धांसू कुछ लिखें हों तो उसका लिंक नीचे दे दें टिप्पणी में। उसका … पढना जारी रखे

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इस बार की चिटठा चर्चा कुश की कलम से..

नमस्कार,मैं कुश आपका प्रिय न्यूज़ रीडर स्वागत करता हू आपका चिट्ठा चर्चा में .. मेरी पिछली चर्चा को आप सभी ने सराहा उसके लिए आप सभी को हार्दिक आभार व्यक्त करता हू.. आइए अब चलते है ताज़ा समाचारो की तरफ … पढना जारी रखे

कुश में प्रकाशित किया गया | 19 टिप्पणियां

संयोग आपकी पोस्ट दिख जाये ऐन चर्चा करते समय

सुरेशचिपलूनकर ने अपनी बात कही अनिल रघुराज की पोस्ट पर- नरेन्द्र मोदी नाम का “पेट दर्द” और ब्लॉग में “टैग” का बहाना… स्वभाविक रूप से बात जुतियाने वगैरह की भी हुयी। लेकिन जूतों की बात बहुत पुराने अंदाज में वही … पढना जारी रखे

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उजाला निठल्लों के कब्जे में।

राधिका ने अपनी हौसला आफ़जाई के लिये शुक्रिया अदा किया। आप क्या कहते हैं? -शुभकामनायें हैं! दिनेशजी ने अपनी पोस्ट का सैकड़ा पूरा किया।कहते हैं: सो न जाना कि मेरी बात अभी बाक़ी हैअस्ल बातों की शुरुआत अभी बाक़ी है … पढना जारी रखे

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नंगे नवाब किले पर घर!

इतवार की खुशनुमा सुबह है। चाय की चुस्की के बीच हम आपसे रूबरू हो रहे हैं। जन्माष्टमी है आज। शुरुआत पारुल के सौजन्य से पंडित जसराज के भजन सुनते हुये करिये। इसके बाद आप पूरी झांकी बालकिशन के ब्लाग पर … पढना जारी रखे

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ये बिखरे बिखरे चिट्ठे खत्म ही नही होते

जी हाँ, मैं हिन्दी चिट्ठों की बात कर रहा हूँ अगर आप मेरी बात से इत्तेफाक नही रखते या आपको लगता है कि मुट्ठी भर चिट्ठों के लिये ऐसा क्यूँ कह रहा हूँ तो सिर्फ एक बार ये करके देखिये। … पढना जारी रखे

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