Monthly Archives: जून 2008

हमरी भैसिया को घंटी किसने मारा

इतवार छुट्टी का दिन होता है। कल चिट्ठे कम लिखे गये। ई-स्वामी ने कल हिंदिनी को हाईटेक बनाया। नये कलेवर से रामचन्द्र मिश्र इत्ता इम्प्रेस हो गये कि बोले : पहले ये थीम टेस्ट कर लें अपनी साइट पर बाकी … पढना जारी रखे

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संकल्प -पढ़ाने का भविष्य बनाने का

निधि हमारी पसन्दीदा ब्लागरों में हैं। अर्से से लिखना बन्द है। अपने जबर सेवा के चलते हाल-फिलहाल तक सारी पढ़ाई खतम करने के बाद अब फ़िर से प्रयास करके एम.बी.बी.एस. करने की जुगत सोच रही थीं। कल निधि ने लेखन … पढना जारी रखे

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कुलीनता का भौकाल जो बोले सो निहाल।

मसिजीवी को वैसे तो हम ‘बाई डिफ़ाल्ट’ शरारती ब्लागर मानते और कहते आये हैं लेकिन मसिजीवी का एक लेख हमें बहुत अच्छा लगता है। इसमें उन्होंनेफ़्रैक्टल के बारे में बताया था। यह इस विधा से मेरा परिचय था। फ़्रैक्टल के … पढना जारी रखे

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खेत में गोभी का फूल खिला है

कहानीकार काशीनाथ सिंह जी अपने भैया प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह जी से बतियाते हुये सवाल किया था:आपको कैसे लोगों से ईर्ष्या होती है?नामवर जी का जबाब था:जो वही कह या लिख देते हैं जिसे सटीक ढंग से कहने के लिये … पढना जारी रखे

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बंटी और निम्मो की शादी में जूते चप्पल और डंडो की बरसात

ये गुलाब आपके लिये बमार्फ़त शहरोज आये हैं। वे कहते हैं टिफिन तैयार कर स्त्री पति को सोपेंगीसमय पर खा लेने की ताकीद के साथ .हर पुरुष की पत्नी और प्रेमिकाविश्व की सबसे सुन्दर कृति होगीदेह बिना प्रेम अपूर्ण माना … पढना जारी रखे

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नाव पर हेलमेट लादकर आलोक पुराणिक मुंबई पहुँचे।

अतुल अरोरा को शिकायत है कि बहुत दिन बाद उन्होंने कुछ लिखा लेकिन किसी ने देखा नहीं। लगता है लोग उनको भूल गये हैं। अब यह उनको पता होना चाहिये कि ब्लागिंग रेलवे का जनरल डिब्बा है। आपकी सीट तभी … पढना जारी रखे

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