Monthly Archives: अप्रैल 2010

नीतीश स्‍पीक्‍स- लफत्‍तू रीड्स

लफत्‍तू हिन्‍दी ब्‍लॉगजगत के लिए नए नहीं हैं नीतीश जरूर हैं इसलिए लपूझन्‍ना के लफत्‍तू के सामने नीतीश जो बेचारे पहली पहली हिन्दी ब्लॉग पोस्ट लिख रहे हैं (दरअसल इतिहास की पहली मुख्‍यमंत्रीय हिन्‍दी पोस्‍ट) को इतने जमे हुए पात्र … पढना जारी रखे

chitthacharcha, masijeevi में प्रकाशित किया गया | टिप्पणी करे

दागदार न्यूज चैनल वर्धा-पुराण और अटकी हुई टिप्पणी

कल विनीतकुमार ने दागदार हुआ स्टार न्यूज, वहशी बॉस हुए बेनकाब पोस्ट में स्टार न्यूज की अन्दरकी कहानी बयान की। एक प्रतिष्ठित माने जाने वाले न्यूज चैनल में एक महिला कर्मी के शोषण की कहानी बताते हुये अपनी बात कहते … पढना जारी रखे

अनूप शुक्ल में प्रकाशित किया गया | टिप्पणी करे

अरुंधति…..क्रांति…… नक्सलवाद …..आदिवासी..ओर वेंटिलेटर पे देश …..

आज़ादी के बाद अगर विस्थापित लोगो का रजिस्टर टटोला जाए तो हिसाब ४० करोड़ का दिखता है जिसमे ४० प्रतिशत हिस्सा आदिवासी आबादी का है ….ये भी सोचने की बात है के वर्ष २००९ -१० के लिए आदिवासी समाज के … पढना जारी रखे

डा. अनुराग में प्रकाशित किया गया | टिप्पणी करे

ब्लॉग में समाचार या समाचार में ब्लॉग?

वैसे तो कई हैं, पर उदाहरणार्थ कुछ प्रस्तुत हैं –           ऐसा नहीं लगता कि आपके शहर / मुहल्ले का भी ऐसा कोई समाचार स्थल होना चाहिए? आपके विचार में, ब्लॉग के चंद बेहतर प्रयोगों के … पढना जारी रखे

रविरतलामी में प्रकाशित किया गया | टिप्पणी करे

मिले बस चैन दिन का और गहरी नीद रातों की

बहुत दिनों बाद आज चर्चा करने की सोची. एक बार के लिए मन में विचार आया कि बहुत दिन बीत गए हैं, चर्चा कैसे की जाती है पता नहीं वो याद है या नहीं? फिर कहीं से सूचना मिली कि … पढना जारी रखे

शिवकुमार मिश्र में प्रकाशित किया गया | 24 टिप्पणियां

अज्ञान के आनंद में डुबकी लगाती चर्चा अनइग्‍नोरेबुल की

  अज्ञान में अपूर्व आनंद है। अरसे से ब्‍लॉगक्रीड़ा से परे हैं, सप्‍ताह दर सप्‍ताह अनूपजी हमें बताते रहे कि चर्चा करनी है हम इस मेल के साथ वैसा ही बरताव करते रहे जैसा मितव्‍ययता के सरकुलरों के साथ सरकारी … पढना जारी रखे

मसि‍जीवी, chithacharcha, masijeevi में प्रकाशित किया गया | 16 टिप्पणियां

…संकलकों के बहाने एक चर्चा

पिछले दिनों अदाजी ने एक के बाद एक ब्लागजगत के कुछ लोगों की नकारात्मक प्रवृत्तियों पर चोट करने की मंशा से ताबड़तोड़ लेख लिखे। शुरुआत इस पोस्ट से करके फ़िर या तो ब्लॉग वाणी इनपर कार्यवाही करे नहीं तो ब्लॉग … पढना जारी रखे

अनूप शुक्ल में प्रकाशित किया गया | 28 टिप्पणियां

ब्लॉगजगत की कुछ पोस्टें इधर-उधर से

हिन्दी ब्लॉगिंग पर लिखे जितने भी लेख मैंने देखे उनकी जब मैं याद करना शुरू करता हूं तो मुझे सबसे पहले याद आता है अनूप सेठी जी के लेख का यह अंश: यहां गद्य गतिमान है। गैर लेखकों का गद्य। … पढना जारी रखे

अनूप शुक्ल में प्रकाशित किया गया | 30 टिप्पणियां

…कभी वो मुस्कुराते हैं ,कभी वो रूठ जाते हैं

विकट गर्मी का मौसम चल रहा है। हर तरफ़ पारा उचकता जा रहा है। बकौल संजीत: दिन में बाहर भटको तो हवाएं जैसे जला डालना चाह रही हो, धूप जैसे पिघला देना चाहता हो और सूरज तो मानों अपनी तपिश … पढना जारी रखे

अनूप शुक्ल में प्रकाशित किया गया | 20 टिप्पणियां

मामू.. आई लव्ड दिस वन रे… क्या लिखते हैं आप…!

जीन्स गुरू के एक पोस्ट पर आई टिप्पणी है यह. जीन्स गुरू ‘हर्ष’ ने अपने अंग्रेज़ी-हिन्दी दुभाषी चिट्ठे में कुछ शानदार पोस्ट हिन्दी में लिखे हैं. वैसे तो उन्होंने वहाँ कॉपीराइट का बड़ा सा बोर्ड तान रखा है, मगर हमने … पढना जारी रखे

रविरतलामी में प्रकाशित किया गया | 13 टिप्पणियां