Category Archives: Uncategorized

हम जहाँ हैं, वहीं से, आगे बढेंगे

माना नहीं नया साल आ ही गया। अब जब आ ही गया तो उसका स्वागत भी कर ही लिया जाये। आप सभी को नया साल मुबारक। आप सबने नये साल के कुछ न कुछ संकल्प लिये ही होंगे। शुभकामनायें इस … पढना जारी रखे

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आज हम एक उतावले समय में जी रहे हैं

आज 25 दिसंबर है। क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है दुनिया भर में। पूरा यूरोप कुड़कुड़ा रहा है मारे बर्फ़ानी माहौल के। जिधर देखो उधर बर्फ़ नजर आ रही है। सड़क पर बर्फ़, छतों पर बर्फ़, गाड़ियों पर बर्फ़, … पढना जारी रखे

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लड़कियाँ, अपने आप में एक मुक्कमिल जहाँ होती हैं

कई दिनों से ब्लॉग पढ़ना कम हो गया। लिखना तो औरौ कम। आज भी यही हुआ। एकाध पोस्टें बांची और लोटपोट तहाकर धरने वाले थे कि किसी पोस्ट में अपनी लक्ष्मीबाई कंचन की पोस्ट दिख गई! कल किसी ने इसकी … पढना जारी रखे

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….इस देश में देशभक्ति बड़ी सस्ती चीज़ है

कल की चर्चा में नीरज बसलियाल की टिप्पणी थी- हम टिप्पणी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब ब्लोगरों को कितना राशन मिलेगा| टिप्पणी देखते ही लगा कि कुछ खास ग्राहक है। गये ब्लॉग तो देखा नाम है कांव-कांव। … पढना जारी रखे

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चिट्ठाचर्चा को राशन की दुकान मत बनाइये

ब्लॉगिंग करने को फ़िर मन आया कई दिनों के बादपोस्टों पर बेमतलब टिपियाया कई दिनों के बादभाईचारे का भभ्भड़ देखा फ़िर कई दिनों के बादटिप्पणियों से खिल गयीं बांछे फ़िर कई दिनों के बाद। यहां-वहां लड़-भिड़कर आया वो कई दिनों … पढना जारी रखे

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हसरतसंज -मासूम मोहब्बत के कुछ प्यारे किस्से

मैं फिजिक्स का विद्यार्थी हूँ और होम साइंस की किताब चुपके से पढ़ रहा हूँ । पढने के बाद अंगडाई लेता हूँ जैसे हवाई जहाज कैसे बनता है, जान लिया हो । बाहर देहरी पर दस्तक हुई है, चुपके से … पढना जारी रखे

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पुराने डायरी का पन्ना डायरी से निकलकर नेट पर पहुंचा। कांधे से तिल बरामद!

  1.पर्यटन क्या है? : खबरदार जो किसी ने बताया कि सूटकेस भर कर घर लौटना पर्यटन है। 2.फ़ुरसत में… भ्रष्‍टाचार पर बतिया ही लूँ !: अरे बतियाते रहेंगे कि कुछ अंजाम भी देंगे। 3.……….क्या चीज है यह जिंदगी ?: … पढना जारी रखे

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वर्धा ब्लॉगर सम्मेलन की कुछ और पोस्टों की चर्चा

वर्धा ब्लॉगर सम्मेलन में जो लोग आये थे उन्होंने अपने संस्मरण लिखना जारी रखा। प्रवीण पाण्डेय जी ने लिखा था- इस विषय में मेरी पोस्ट आनी शेष है, वक्तव्यों के देवता तो गांधीजी का आश्रम देखने के बाद ही तैयार … पढना जारी रखे

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वर्धा ब्लॉगर सम्मेलन की कुछ पोस्टों की चर्चा

वर्धा में हुये दो दिनिया मिलन-जुलन की इसकी पहले की कहानियां वहीं से लिखीं गयीं थीं। उधर बोला जा रहा था इधर लिखा जा और कुछ भाई लोग अपने उधर से टिपियाते भी जा रहे थे। पिछली पोस्ट लिखने तक … पढना जारी रखे

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साला न कहें भाई साहब कहें

सबेरे के नास्ते के बाद हम लोग सेवाग्राम देखने गये। दस मिनट की दूरी पर स्थित आश्रम में आज सुबह सबसे पहले शायद हमारी टीम ही पहुंची। गांधी जी से जुड़ी तमाम वस्तुएं देखीं। गांधी जी दिन प्रतिदिन की दिनचर्यी … पढना जारी रखे

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