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Monthly Archives: सितम्बर 2006
फिर से मुहब्बत का आगाज़ कीजिये
जब पूरा देश डूबा है नवरात्र,दुर्गा-पूजा और दशहरा के धमाल में और हमारे साथी खो रहे हैं मेले-ठेले में अकेले-दुकेले तब हमारे पास यह जिम्मा है कि आपको सुनायें नवीनतम हाल-चाल चिठ्ठों की दुनिया का। दोपहर हो चुकी है भारत … पढना जारी रखे
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11 टिप्पणियां
जरूरत है छिद्रान्वेषियों की!
व्याकरण ज्योति की मशाल अब आलोक से विनय ने थाम ली है अपनी बात कहूँ तो अगर अँगरेज़ी के किसी चिट्ठे में मुझे इस क़दर वर्तनी अशुद्धियाँ मिलें तो मैं एक पैरे से आगे न बढ़ूँ और उस चिट्ठे पर … पढना जारी रखे
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6 टिप्पणियां
जहां नामालूम तरीके से नहीं आता है वसंतोत्सव
नारद ने गारद किया, सब चिट्ठों का कारोबारठहरे से सबके ब्लाग हैं, है बोझिल सन्नाटे की मारहै बोझिल सन्नाटे की मार कि सबने लिखना छो़ड़ दियालिखना छूटा,पढ़ना भूला,तारीफौ से नाता तोड़ लिया कह ‘फुरसतिया’ सुनो अब कष्ट मिटेंगे जल्दी शायद,चिट्ठाचर्चा … पढना जारी रखे
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तुम मेरे साथ रहो…
थोडे से मिल पाये हैं, फिर से चिठ्ठे आजगली गली मे घूमते, हम तो थे दिन रात.हम तो थे दिन रात कि बिल्कुल सो न पायेजहां जहां भी पहुँचे, वहां इतिहास ही पाये.कहे समीर कि नारद जब से साथ हैं … पढना जारी रखे
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विराजमान हैं मंच पर, सब दिग्ग्ज पीठाधीश
मार्टीना हिगिंसा कल कुछ ऐसा हो गया कि हमारे रवि रतलामी जी के साथ वो हो गया जिसे कहते हैं अन्याय। बेचारे दिन भर घर पुतवाये और रात में लिखने बैठे चिट्ठाचर्चा। बहरहाल मेहनती आदमी होंने के नाते उन्होंने आंखे … पढना जारी रखे
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खुद ही तकदीर बनानी होगी…
खुद ही तकदीर बनानी होगी खुद ही तकदीर बनानी होगी. सच है. अपनी तकदीर तो हमें खुद ही बनानी होगी. आप अपनी तकदीर नहीं बनाएंगे तो और कौन बनाएगा? शायद ईश्वर भी नहीं. अनुभूति कलश में रमा द्विवेदी लिखती हैं … पढना जारी रखे
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ये क्या जगह है दोस्तों…
पितर पक्ष समाप्त हुये.नवरात्र की शुरूआत हुयी.रमजान की शुरुआत के साथ रोजे भी शुरू.यह अपने देश का सबसे ज्यादा त्योहारों वाला समय है.एक तरफ गुजरात,दिल्ली,मुंबई और बाकी हिस्सों में डांडिया की धूम है तो दूसरी तरफ़ बंगाल में दुर्गा पूजा … पढना जारी रखे
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सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
आज के चिट्ठाचर्चा की शुरुआत बधाई और शुभकामनाऒं से करें तो कैसा रहेगा! लेकिन पहले सबेरे का माहौल तो देख लीजिये. ये आज की फोटो (नीचे देखें)इल्हा दो मोज़ाम्बीक के सबेरे की है जिसे सुनील दीपक ने खासतौर से उनके … पढना जारी रखे
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समझ कर चाँद जिसको आसमाँ ने दिल मे रखा है
जरा इस समीकरण को समझा जायेसमीकरण १: जो ज्यादा खर्च करे वह दिल वालासमीकरण २: बेदिल दिल्लीसमीकरण ३: दिल्ली वाले सबसे खर्चीले अब निष्कर्ष निकालिये कि बेदिल दिल्ली के बाशिंदे दिलवाले हुये कि नही? देश के दूसरे शहरों के मुकाबले … पढना जारी रखे
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माइक्रोसॉफ़्ट के नये फ़ॉनेटिक इनपुट औज़ार
नारद के लिये टकटकी लगाये साथी लोग ने लिखना स्थगित करके इंतजार शुरू कर दिया है कि नारद जी आयें तो लिखा जाय.यह कुछ ऐसे ही को फोटोग्राफर आये तब काम किया जाये तकि सनद रहे.ऐसे आपाधापी में नियमित है … पढना जारी रखे
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