Monthly Archives: दिसम्बर 2008

साल 2008 की चिटठा चर्चा..

गुज़रे साल की चिट्ठा चर्चा… लिखने से पहले ही हाथ काँप रहे है.. अगर कुछ छूट गया तो क्या होगा?? समझ ही नही आ रहा की क्या किया जाए कैसे किया जाए.. एक पूरे साल को समेटना बहुत मुश्किल है… … पढना जारी रखे

कुश में प्रकाशित किया गया | 27 टिप्पणियां

ननरी और वणक्कम्

वर्तमान वर्ष की अंतिम मंगल-चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है ! नया साल आने को है . हर किसी को आने वाले साल से यही आशाएं हैं कि यह उनके जीवन में नए उजाले लेकर आएगा . पर जिनके जीवन … पढना जारी रखे

विवेक में प्रकाशित किया गया | 29 टिप्पणियां

मलिका, गुलाम और मुल्क …यानी मालामाल

जैसा कि आमतौर पर बह्स-प्रधान बातचीत का होता है वैसे ही गाली-गलौज वाली बात का हुआ। लोग बात के केंद्रीय भाव तक नहीं पहुंचे और बकौल सिद्धार्थ गाली-गलौज के बहाने दोगलापन के रूप में सामने आया। जाड़े के मौसम में … पढना जारी रखे

अनूप शुक्ल, २९/१२/०८ में प्रकाशित किया गया | 29 टिप्पणियां

कट, कॉपी, पेस्ट भी ठस्से की कला है….

आज फ़िर इतवार आ लिया। इस साल का अखिरी है। अब जो आयेगा इतवार वो नये साल में होगा। होन दो की फ़र्क पैंदा है जी। अभी जो है उसमे मजा लो। आगे की फ़िर देखी जायेगी। कल बहुत दिन … पढना जारी रखे

Uncategorized में प्रकाशित किया गया | 19 टिप्पणियां

आज की 111 लेखों की तकनीकी चर्चा

शाम के १९:४८ बज गए। फ़ुरसतिया जी सोच रहे थे कि पिछली बार तो इस आर्य पुत्र से लिखवा के खुद को धर्म संकट में डलवा दिया था, आज तो इसने अब तक कुछ लिखा ही नहीं। क्या करूँ, लिखने … पढना जारी रखे

आलोक में प्रकाशित किया गया | 9 टिप्पणियां

इस चर्चा को खुद पढें दस लोगों को पढ़ने के लिए भी कहें…नहीं तो…

ये कोई शोध परिणाम नहीं सीधा साधा अवलोकन है कि कल, बोले तो सांता ताऊ के क्रिसमस वाले दिन चिट्ठे लिखे तो गए लेकिन पढ़े नहीं गए, मतलब कम पढ़े गए। ब्‍लॉगवाणी के ज्‍यादा पढ़े गए कॉलम को देखें तो  … पढना जारी रखे

चिट्ठा चर्चा, मसि‍जीवी, masijeevi में प्रकाशित किया गया | 18 टिप्पणियां

या तो रौनक बाज़ारों में या सत्ता के गलियारों में

पाकिस्तान के नेता बता रहे हैं कि पाकिस्तान एक शान्ति-प्रिय देश है. हम उनकी बात से सहमति प्रकट करते हैं. वे सही कह रहे हैं. भारत में फ़ैली शान्ति से उन्हें बहुत लगाव है. शायद इसी लगाव के चलते वे … पढना जारी रखे

Uncategorized में प्रकाशित किया गया | 14 टिप्पणियां

बिंदी के तो हिलने का इंतजार और बोरियत

सुबह-सबेरे जब चर्चा के वास्ते बैठे तो सबसे पहले जो पोस्ट दिखी उसमें कुछ ऊब-चूभ की बातें की गयीं थीं। वर्तमान पीढ़ी और ऊब में ज्ञानी लेखक ने ये बताया ही नहीं कि वर्तमान पीढ़ी में किस उमर तक के … पढना जारी रखे

अनूप शुक्ल, २४/१२/०८ में प्रकाशित किया गया | 22 टिप्पणियां

आप बिलागिंग क्यों करते हैं ?

अगर आपको पता चले कि साहित्य का अगला नोबेल पुरस्कार आपके बगल वाले ब्लॉगर को मिलने वाला है तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी ? आप शायद तुरंत कोई प्रतिक्रिया देने की स्थिति में न रहें क्योंकि आप तो शॉक्ड रह … पढना जारी रखे

Uncategorized में प्रकाशित किया गया | 32 टिप्पणियां

आपको कंडोन नहीं कंडेम बोलना था

२००८ २००८ वर्ष २००८ ईस्वी सन् की अपनी अन्तिम चर्चा करते हुए भोर के ४ बजे मुझे इस कल्पना से अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि चिट्ठाचर्चा के लिए इस वर्ष का यह अन्तिम पखवाड़ा बहुत महत्वपूर्ण रहा है। क्य़ों … पढना जारी रखे

चिट्ठाचर्चा, हिन्दी, Blogger, hindiblogs, Kavita Vachaknavee में प्रकाशित किया गया | 23 टिप्पणियां