Category Archives: आलोक

छिच्छक दिवस

उच्च न्यायालय ने जसंवत सिंह की किताब से पाबंदी तो हटा दी है, पर सवालिया निशान इस बात का खड़ा होता है कि भारत की कार्यकारिणी ऐसे ही अपनी मर्ज़ी से क़ानून की तरोड़ मरोड़ करती रहेगी तो उसकी सज़ा … पढना जारी रखे

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और यह एक और शानदार जानदार चिट्ठा चर्चा

याद कर रहा था आर्यपुत्र नींबूपानी में नमक डाल के पीते हुए, वह पुराना समय जब अपनी शैय्या के ऊपर रखे दो मोबाइलों के अलार्म एक एक करके बंद हुए – एक तो अभी से ठीक बारह घंटे पहले, भारतीय … पढना जारी रखे

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और यह चर्चा कमीने के बाद की

तो आर्यपुत्र कमीने को देख आए, और फिर से चर्चा करने बैठे हैं। क्या कह रहे हैं, फ़िलम कैसी थी – एकदम झकास। मुंबई के वडापाव की याद आ गई। विशाल भारद्वाज ने बिल्कुल हॉलीवुड स्टाइल में बनाई है। देखना … पढना जारी रखे

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एक चर्चा कमीने के पहले की

(अब शीर्षक लग गया है, पहले नहीं था)हाँ तो आर्यपुत्र जी सुबह पाँच बजे का एक अलार्म, और साढ़े पाँच का दूसरा अलार्म (दो क्यों? दो फ़ोन हैं भई) लगा के सो गए। सुबह जब अलार्म बजा तो सबसे पहले … पढना जारी रखे

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आज़ादी

वतन पे जो फ़िदा होगा, अमर वो नौजवान होगा! के रफ़ी-गान से शुरुआत करते हुए भारत की आज़ादी (किससे?) के ६२वें वर्ष में प्रवेश को १६वें वर्ष में प्रवेश के समान का दर्ज़ा देते हुए पढ़ते हैं कुछ भैय्यागिरी के … पढना जारी रखे

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आज की बच्चा, बुजुर्ग और जवान चर्चा

चवन्नी चैप बता रहे हैं कि अनुराधा नामक साइकिल सवार ने पहली फ़िल्म ८ साल की उम्र में देखी थी। माया मेमसाब ने मुलायम भाईसा की शिकायत लगाई है। इस बीच दूसरी पृथ्वी की खोज जारी है। हँसगुल्ले। मैं भी … पढना जारी रखे

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ईंट और रोड़े का मेल मिलाप, हैप्पी प्रेम चौदस के साथ

पचासों टिप्पणियाँ पाने के नुस्खे देखें। भीगे हुए बालों को सुखाते देख पाई पाई का हिसाब लेने के लिए दारू ने अंगड़ाई ले ही ली है और सीकर पुलिस वाले भला फुसला कर बगा ले जाने की रपटें दर्ज कर … पढना जारी रखे

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बरखा प्रभाव – स्ट्राइसेंड प्रभाव को देसी नाम मिला

यह चर्चा आलोक कुमार ने मुझे डाक से भेज आदेश दिया की एक फरवरी को छापा जाए, वजह उन का “चौडाबाजा” (ब्राडबैंड) बज नहीं रहा। कोई भूल चूक लेनी देनी हो तो उन को बताया जाए, अपना काम खत्म। विपुल … पढना जारी रखे

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२६ जनवरी के पहले एक दूरदर्शन समाचारीय चर्चा

ठहरो यार अभी तक कुछ दिलचस्प मिला नहीं है। क्या है न कि लोग गणतन्त्र दिवस की छुट्टी मना रहे हैं तो लिखने वाले कम हैं। इसलिए शुरू करते हैं दूरदर्शन। अचरज की बात है न कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया आने … पढना जारी रखे

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आज की मस्ती चर्चा

इतवार का दिन है तो चर्चा भी मस्ती भरी होनी चाहिए। यानी फ़िलम विलम, गाने वाने, चुटकुले शुटकुले, घूमना फिरना। तो आइए हम आपको पेश करते हैं इस हफ़्ते के सनसनीखेज लेख। मरना ही है तो खा कर ही मरूँगा … पढना जारी रखे

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