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- सृजनगाथा के चौथे आयोजन में ब्लॉगर संजीत त्रिपाठी सम्मानित : रिपोर्ट भी कर दी भाई लोगों ने
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मेटा
सुन्दर लेखन।
एकदम मस्त एक लाइना …और मजेदार चर्चा
अहा ! मेरे दो कार्टून चर्चा का हिस्सा ! आभार.
राज भाई की समस्या पढी और जवाब भी दिया है , यही ब्लागिंग का फायदा है …कि दूर होकर भी पास लगते हैं !!अनिल पुसादकर के गुरु को शुभकामनायें काजल कुमार हमेशा अच्छे लगते हैं !अमरेन्द्र आसानी से अनाड़ियों के पल्ले नहीं पड़ते !कुमारेन्द्र इस बार समझ नहीं आये !संगीता जी से आप सावधान रहें ! कविता जी के बारे में समीरलाल जी सही डरे हैं !हक साहब ऊपर से निकल गए ! मस्त रहिये अनूप भाई , क्या क्या पढवाते हो ….???
ऐई चर्चा : की भालो !
की भालो चर्चा आशची..
वाह!!!
इसीलिये तो आप ’ब्लॉगिंग-गुरु’ हैं, यानि मठाधीश :). काम के बीच चर्चा के लिये भी समय निकाल लिया. बहुत सुन्दर चर्चा. सतीश जी कहां धोखा खा गये?
.ओ माँ, आमि तोमार ऍखाने अपेक्खा कॅरछि,ऑपनि काछाकाछि कॅखोन कोलकाता ऎशेछेन ?शीब बाबू के आमार नोमोस्कार दिबेन ।लिंकगुलो भालोई !
मुझे तो ये हमेशा पसंद है..:)
ये चर्चा भी खूब रही regards
:-)अच्छी चर्चा!
अगली चर्चा बैंगलोर से कीजिएगा। उससे अगली भोपाल से, फिर इंदौर से, फिर मुंबई से, फिर लखनऊ से, फिर … फिर … फिर …. सड़क पर से रास्ते के बीच में से ही, हवा में से हवाई जहाज से भी। अच्छा मजा आएगा।