ये वाली चर्चा कोलकता से

  1. मेरी किताब आ गई है: कहीं कोई पढ न डाले
  2. एक सलाह या एक जान कारी चाहिये आप से…..:वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ए आसमाँ हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है.
  3. सृजनगाथा के चौथे आयोजन में ब्‍लॉगर संजीत त्रिपाठी सम्मानित : रिपोर्ट भी कर दी भाई लोगों ने
  4. कार्टून:- हिन्दी समर्थकों के लिए.. :का हिन्दी अनुवाद चाहिये
  5. कैरम और ‘क्वीन’ … ,,, और , लगे हाथ सस्ती लोकप्रियता के प्रति ‘सोच’ का आग्रह , कुमार विश्वास के बहाने … :पोस्ट लिख डाली
  6. किसी भी तरह इस सन्नाटे की पकड़ ढीली हो : तो सन्नाटा सर पर पांव रख भागे
  7. लड़कियों को देखें तो लोफर-लफंगे और लड़कों को देखें तो समलैंगिक :अब समय आ गया है कि लोफ़र/लंफ़गे और समलैंगिंको के लिये नये शब्द खोजे जायें
  8. अब वायरस क्या उसका बाप भी रहेगा आपके कम्प्यूटर से दूर:लेकिन वायरस की मां का क्या होगा?
  9. कहीं आप किसी धोखेबाज़ की मदद तो नहीं कर रहे – सतीश सक्सेना :जी बताइये आप ही से पूछ रहे हैं
  10. झूठ को लपेट कर :पोस्ट कर दिया कविता में
  11. नामवर और चंद्रबली को छोड़ हिंदी अज्ञानियों से भरी पड़ी है :उनको लेने में भी क्या हर्ज है! अज्ञान बरकरार रहेगा!!

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13 Responses to ये वाली चर्चा कोलकता से

  1. Sonal Rastogi कहते हैं:

    एकदम मस्त एक लाइना …और मजेदार चर्चा

  2. अहा ! मेरे दो कार्टून चर्चा का हिस्सा ! आभार.

  3. सतीश सक्सेना कहते हैं:

    राज भाई की समस्या पढी और जवाब भी दिया है , यही ब्लागिंग का फायदा है …कि दूर होकर भी पास लगते हैं !!अनिल पुसादकर के गुरु को शुभकामनायें काजल कुमार हमेशा अच्छे लगते हैं !अमरेन्द्र आसानी से अनाड़ियों के पल्ले नहीं पड़ते !कुमारेन्द्र इस बार समझ नहीं आये !संगीता जी से आप सावधान रहें ! कविता जी के बारे में समीरलाल जी सही डरे हैं !हक साहब ऊपर से निकल गए ! मस्त रहिये अनूप भाई , क्या क्या पढवाते हो ….???

  4. sidheshwer कहते हैं:

    ऐई चर्चा : की भालो !

  5. shikha varshney कहते हैं:

    की भालो चर्चा आशची..

  6. इसीलिये तो आप ’ब्लॉगिंग-गुरु’ हैं, यानि मठाधीश :). काम के बीच चर्चा के लिये भी समय निकाल लिया. बहुत सुन्दर चर्चा. सतीश जी कहां धोखा खा गये?

  7. डा. अमर कुमार कहते हैं:

    .ओ माँ, आमि तोमार ऍखाने अपेक्खा कॅरछि,ऑपनि काछाकाछि कॅखोन कोलकाता ऎशेछेन ?शीब बाबू के आमार नोमोस्कार दिबेन ।लिंकगुलो भालोई !

  8. रंजन कहते हैं:

    मुझे तो ये हमेशा पसंद है..:)

  9. seema gupta कहते हैं:

    ये चर्चा भी खूब रही regards

  10. अगली चर्चा बैंगलोर से कीजिएगा। उससे अगली भोपाल से, फिर इंदौर से, फिर मुंबई से, फिर लखनऊ से, फिर … फिर … फिर …. सड़क पर से रास्‍ते के बीच में से ही, हवा में से हवाई जहाज से भी। अच्‍छा मजा आएगा।

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