भूल कर पुराने राग –विराग ; करें आज नया आगाज >>>>

कोई भूमिका नहीं …….. सीधे सीधे एक आह्वान एक नयी शुरुवात के लिए ……..!!!

शुभकामनाओं का अपने जीवन में महत्व कितना है …कोई इसे नकार नहीं सकता | सो आइये इस साझा मंच में आज चर्चा केवल नव-वर्ष की शुभकामनाओं की |

 

प्रारम्भ  कविवर हरिवंशराय बच्चन की शुभकामनाओ  से …….रूबरू करा रही हैं आकांक्षा यादव |

वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन उत्कर्ष नव।
नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।
नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।

खुशी एक गुलाब है और दुख एक कांटा है। इन दोनों का बसेरा एक जगह ही है। इन्‍हें एक साथ ही रहना चाहिये। पर हम कांटे से गुलाब को छीनकर अलग-अलग कर देते हैं। कांटे को पड़ोसी के लिए और गुलाब को अपने लिए सहेज लेते हैं। पर हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर हम कांटा नहीं चाहते हैं तो हमें गुलाब को भी छीनने का हक नहीं है। पर यहां देर भी है और अंधेर भी है।……..यह बता रहे हैं अपने की-बोर्ड के खटरागी |

जाने पर उसके उठा रहे सवाल
गलतियों भरा रहा सारा ही साल
सदा यही कहानी है।

 

आने पर प्रफुल्लित हैं सब जन
मन में सबके खुशियां भर आंगन
सदा यही कहानी है।

 

प्रत्‍येक गुलाब को
कांटे से दूर
होना ही है।

छोटी बिटिया नित्या के जन्मदिन पर आज कह रही हैं ….पूनम जी |

बीती रात अमावस की
हर रात अब पूरनमासी हो
हर पल खुशी के दीप जलें
हर दिन फ़ागुन महीना हो।

समय के बदलाव और शुभकामनाओं के बदले तरीकों पर स्याही कुछ इस तरह खर्च की सिद्दार्थ जी ने |

कलम उठाकर लिखते थे हम

शुभकामनाएं नये साल की

लिफाफे को सजाकर कुछ फूलों की डिजायन से

भरते थे उसमें अपना सुलेख

ग्रीटिंग कार्ड तैयार कर लेते थे-सस्ता, सुन्दर और टिकाऊ

अपने गुरुजनों को, सखा और सखियों को,

बस थमा देते थे अपनी शुभकामनाएं।

स्कूल में पहुँचने पर शुरू होता था नया साल

सबकी जुबान पर चढ़ा होता था

हैप्पी न्यू इयर, हैप्पी न्यू इयर, हैप्पी न्यू इयर

बदला जमाना

आ गया मोबाइल और इण्टरनेट

अब यहीं हो रही है मुलाकात और भेंट

अब नया साल रात में ही आ जाता है।

तीनो सूइयाँ एक दूसरे से मिलते ही शोर मच जाता है

नया साल टीवी के पर्दे से होकर निकलता है

लाइनें जाम हो जाती हैं

संदेश देने को फोन नहीं मिलता है।

क्या-क्या चाहते हैं, क्या-क्या सोचते हैं, क्या फरियाद है  हमारी हमारे राम से – हिमाशु जी के प्रिय कवि ’कैलाश गौतम’ की रचना पढ़ें – "नये साल  में रामजी…"

नये साल में रामजी, इतनी-सी फरियाद,
बना रहे ये आदमी, बना रहे संवाद।
नये साल में रामजी, बना रहे ये भाव,
डूबे ना हरदम, रहे पानी ऊपर नाव ।
नये साल में रामजी, इतना रखना ख्याल,
पांव ना काटे रास्ता, गिरे न सिर पर डाल।
नये साल में रामजी, करना बेड़ा पार,

नए साल का आगमन और आधा भरा है गिलास या खाली है की तर्ज चिंतन करती रंजना जी|

नया साल
एक नई आशा
नई उम्मीद जगाता हुआ
कलेंडर के पन्नों पर
उतर आता है
और कुछ दिन तो
अपने नयेपन के एहसास से
कुछ तो अलग रंग दिखाता है….
फिर ढलने लगते हैं लम्हे
वक़्त यूँ ही गुजरता जाता है ….
कुछ नया होने की आस में
यह जीवन यूँ ही बीतता जाता है

इस दुनिया में आने के बाद हमारी इच्‍छा हो या न हो , हम अपने काल , स्‍थान और परिस्थिति के अनुसार स्‍वयमेव काम करने को बाध्‍य होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं , अपने काल , स्‍थान और परिस्थिति  के अनुरूप ही हमें फल प्राप्‍त करने की लालसा भी होती है। यह मै नहीं कह रहा ….. संगीता  जी कह रही हैं |

……अपने अनुभव में मैंने पाया है कि चिंता में घिरे अधिकांश लोग सिर्फ शक या संदेह में अपना समय बर्वाद करते हैं। इस दुनिया में सारे लोगों का काम एक साथ होना संभव नहीं , यह जानते हुए भी लोग बेवजह चिंता करते हैं। हमारे धर्मग्रंथ ‘गीता’ का सार यही है कि हमारा सिर्फ कर्म पर अधिकार है , फल पर नहीं। इसका अर्थ यही है कि फल की प्राप्ति में देर सवेर संभव है।  इस बात को समझते हुए हम कर्तब्‍य के पथ पर अविराम यात्रा करते रहें , तो 2010 ही क्‍या , उसके बाद भी आनेवाला हर वर्ष हमारे लिए मंगलमय होगा।

जिस प्रकार जीवन के चार आयाम होते हैं उसी प्रकार हिंदी चिट्ठाकारी की भी चार सीढियां है जिससे गुजरकर हिंदी चिट्ठाकारी संपूर्ण होता है ।कह रहें हैं रवीन्द्र प्रभात……

प्रथम सीढ़ी – भावना
जिससे दिखती है लक्ष्य की संभावना ,
संभावना से प्रष्फुटित होता है विश्वास ,
विश्वास से दृढ़ता , दृढ़ता से प्रयास ….!

यानी दूसरी सीढ़ी – प्रयास
प्रयास परिणाम कम शोध है
यह तभी सार्थक है जब कर्त्तव्य बोध है

यानी तीसरी सीढ़ी – कर्त्तव्य
कर्त्तव्य से होता है समन्वय आसान
और यही है उत्तरदायित्व का प्रत्यक्ष प्रमाण

यानी चौथी सीढ़ी है – उत्तरदायित्व
जिसमें न भय , न भ्रम , न भ्रान्ति होती है
केवल स्वावलंबन के साथ जीवन में शांति होती है

अभी दीजिए मुझे इजाजत….हम तो चले अपने स्कूल ! सभी को नए साल की ताजगी मुबारक …बाकी एक मौन हैं जिसे एक क्षण के लिए सब अपना लें तो कोई दिक्कत नहीं | सो दिल खोल कर दीजिए

बधाइयां!!! सब मिल बोलें ……

 

” हैप्पी न्यू इयर – २०१० ”

 

Advertisement

About bhaikush

attractive,having a good smile
यह प्रविष्टि नव-वर्ष 2010, प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI, प्राइमरी का मास्टर में पोस्ट की गई थी। बुकमार्क करें पर्मालिंक

28 Responses to भूल कर पुराने राग –विराग ; करें आज नया आगाज >>>>

  1. बस एक निवेदन ….आज कोई सवाल नहीं !!! मस्त रहे व्यस्त रहें ..पर सकारात्मक !!!हम तो रहेंगे अपने स्कूल में सो हमरी पोस्ट (…….क्या कहूँ ? नए वर्ष की शुभकामनायें ! ) पर वहाँ भी टिपिया के अपनी शुभकामनाये दें ! लौट कर हम आपके द्वारे आयेंगे | तैयार रहिएगा मुह मीठा कराने के लिए !!!जय हो !!!!

  2. पी.सी.गोदियाल कहते हैं:

    आपको एवं समस्त पारिवारिक जनों को मेरी तरफ से नववर्ष की मंगलमय कामनाये !

  3. संगीता पुरी कहते हैं:

    आप सबों के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!

  4. हर्षवर्धन कहते हैं:

    very happy new year to all hindi blogging family. hope will play poitive role in new year.

  5. Shiv Kumar Mishra कहते हैं:

    हैपी न्यू इयर जी. सुन्दर चर्चा. न्यू इयर और चर्चा, दोनों की बधाई.

  6. सबके लिए ये नववर्ष मंगलमय हो!!!!!

  7. धीरज शाह कहते हैं:

    नववर्ष मंगलमय हो।सुन्दर व उम्दा चर्चा।

  8. वाणी गीत कहते हैं:

    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें …!!

  9. हिमांशु । Himanshu कहते हैं:

    नव वर्ष का सुन्दर प्रारम्भ ! चर्चा अच्छी रही । आपको नव वर्ष की शुभकामनायें ।

  10. समयचक्र कहते हैं:

    रोचक . नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये और बधाई

  11. नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।आपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।——–2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकनसाइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।

  12. Mired Mirage कहते हैं:

    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।घुघूती बासूती

  13. parveen kumar snehi कहते हैं:

    nav varsh ki shubhkamnayen……behtreen charchaa….

  14. सुन्दर मीठी चर्चा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।सभी चिठ्ठाकार भाइयों, बहनों, देवियों और सज्जनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

  15. cmpershad कहते हैं:

    "चौथी सीढ़ी है – उत्तरदायित्व"ये चौथी सीढी का संकल्प तो कठिन है जी… इस नये साल में ट्राई मारेंगे 🙂

  16. अर्कजेश कहते हैं:

    सभी मित्रों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

  17. ललित शर्मा कहते हैं:

    सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं।

  18. 'अदा' कहते हैं:

    नववर्ष मंगलमय हो…!!

  19. Suman कहते हैं:

    लोकसंघर्ष परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं

  20. अनूप शुक्ल कहते हैं:

    ये आपने बड़ा पुण्य का काम किया कि आज नववर्ष की चर्चा कर डाली काहे से कि पता चला कि गुरुकुल के टेलीफ़ोन गड़बड़ हैं। सुन्दर-सुन्दर चर्चा किये।आपकी पोस्ट पर बधाई देकर आये इधर।आपको भी नया साल मुबारक।

  21. नया साल…नया जोश…नई सोच…नई उमंग…नए सपने…आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!

  22. नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित आपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे। अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें। आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर जय-जय बुन्देलखण्ड

  23. हैप्पी न्यू इयर -२०१० नये साल में रामजी, इतनी-सी फरियाद,बना रहे ये आदमी, बना रहे संवाद।नये साल में रामजी, बना रहे ये भाव,डूबे ना हरदम, रहे पानी ऊपर नाव ।नये साल में रामजी, इतना रखना ख्याल,पांव ना काटे रास्ता, गिरे न सिर पर डाल।नये साल में रामजी, करना बेड़ा पार,क्या-क्या चाहते हैं, क्या-क्या सोचते हैं, क्या फरियाद है हमारी हमारे राम से – कवि ’कैलाश गौतम’ की रचना http://ramyantar.blogspot.com/2010/01/blog-post.html

  24. Meenu Khare कहते हैं:

    नववर्ष की मंगलमय कामनाये !

एक उत्तर दें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s