ब्लॉग की हॉफ लाइफ ब्लागर की हलचल के समानुपाती होती है।

इलाहाबाद मे आंधी और…:छत पर फ़ैला गेहूं।

हम भूल गए हों ऐसा भी नहीं: लेकिन किसी ने याद भी तो दिलाया ही नहीं।

ब्लॉग की हॉफ लाइफ : ब्लागर की हलचल(चिरकुटई टू बि मोर प्रेसाइज) के समानुपाती होती है। 🙂

मैं अतृप्ति सिखाता हूं : सीखने के लिये एडमिशन लें। सीटें सीमित हैं।

एकता कपूरजी की महाभारत: ब्लाग जगत में शुरू। देखते रहिये।

नई ब्लोगवाणी के साथ कुछ अनुभव : हमने बताये! बाकी आप बतायें।

कुछ सुपरहिट ब्लागों के नाम का करिश्मा : देखिये और मजा लीजिये।

पंगेबाज का कार-नामा :तीन घंटे में साठ किलोमीटर !!!

भाई की फोटो :बहन ने छिपाकर रखी।

अटपटे कपाट:झटपट खुल गये।

ब्लाग जगत के लिए यह खतरे की घंटी है : टनाटन बज रही है।

मेरी पसंद

मेरे पास एक फोटो है
मेरे बचपन की पहचान
जब तक रही मैं माँ के साथ
वह अक्सर दिखाती मुझे फोटो
कहती यह तुम हो और यह गुड्डू
तुम्हारा भाई जो नहीं रहा।
माँ अक्सर रोती इस फोटो देख कर
जबकि फोटो में हम भाई-बहन
हँसते थे बेहिसाब,
हालांकि भाई के साथ होने या हँसने की
मुझे कोई याद नही है।

यह फोटो मैं ले आई मायके से ससुराल
छिपा कर सबसे,
विदा होने के पहले रखा मैंने इसे किसी-किसी तरह
अपने बक्से में,
जब घर के लोग मुझे लेकर भावुक होकर रो-रो पड़ते थे।

बाद में माँ ने मुझसे पूछा कि
वह गुड्डूवाली फोटो है क्या तुम्हारे पास,
यहाँ मिल नहीं रही है।
मैं चुप रही
फिर बोली
नहीं है वह फोटो मेरे पास ।

माँ ढूँढती है
अब भी घर का एक एक संदूक और हर एक एलबम
पर यह फोटो नहीं मिलती उसे।
आभा

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attractive,having a good smile
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4 Responses to ब्लॉग की हॉफ लाइफ ब्लागर की हलचल के समानुपाती होती है।

  1. Udan Tashtari कहते हैं:

    आपकी पसंद हमसे इतनी मिलती जुलती क्यूँ है?:)

  2. Gyandutt Pandey कहते हैं:

    आभाजी की कविता सही में बहुत टची है।

  3. vijay gaur कहते हैं:

    निसंदेह अच्छी कविता है, फ़ुर्सतिया जी. मेरी शुभकामनायें रचनाकर तक पहुंचा दीजिये.

  4. आभा कहते हैं:

    आपने मेरी कविता पसंद की अच्छा लगा…आभारी हूँ…

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